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Alok Shukla

अजीब दास्तां के लेखक जाने. माने रंगकर्मी हैँ ये उनका तीसरा नाट्य संग्रह है इसमें दो अलग . अलग भाव के दो पूर्णकालिक नाटक संग्रहित है जिनके बारे प्रसिद्द रंग विश्लेषकों ने निम्न टिप्पणियां की हैँ जो किताब में विस्तार से लिखी गई हैँ।

अजीब दास्तां नये ज़माने का आधे.अधूरे है. श्री संगम पाण्डेय प्रसिद्ध रंग समीक्षक

महानगरों के दाम्पत्य जीवन का यथार्थ चित्रण दोनों नाटक मंचन की सम्भवनाओं से भरे हुए है श्री गिरिजाशंकर जी प्रसिद्ध रंग विश्लेषक

आलोक भाई के नाटकों में उनकी संवेदनाएं प्रभावशाली ढंग से निकलकर सामने आती हैं मेरी शुभकामनाएं श्री योगेश त्रिपाठी प्रसिद्द नाटककार